Book Title: Re Karm Teri Gati Nyari Author(s): Gunratnasuri Publisher: Jingun Aradhak Trust View full book textPage 1
________________ • लानावरणीय कर्म दर्शनावरणीय कर्म • वेदनीय कर्म..... अंतराय कर्म मोहनीय कर्म दीक्षा दानेश्वरी आचार्य प्रवर श्री गुणरत्नसूरीश्वरजी म. सा. आयुष्य कर्म • • गोत्र कर्म नाम कर्म रे कर्म ! तेरी गति न्यारी...Page Navigation
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