Book Title: Re Karm Teri Gati Nyari
Author(s): Gunratnasuri
Publisher: Jingun Aradhak Trust

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Page 145
________________ नाम बन्ध केहेत अशुभनामकर्म के बंधहेतु शुभनामकर्म के बंधहेतु से विपरीत अशुभनामकर्म के बंधहेतु हैं। शुभनामकर्म के बंधहेतु और नंदिषेणमुनि मगधप्रदेश के नंदिग्राम में एक गरीब ब्राह्मण की पत्नी सोमिला ने एक पुत्र को जन्म दिया। उसका नाम नंदिषेण रखा गया। पूर्वभव में वास्तविक सत्पुरुषों का असत्कार करना और स्वकल्पित धर्मियों का सत्कार करना आदि कारणों से अशुभ नामकर्म बाँधा हुआ था। अत: वह लड़का जन्म से ही विचित्र और अप्रिय आकृतिवाला था। रे कर्म तेरी गति न्यारी...!! /144 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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