Book Title: Re Karm Teri Gati Nyari
Author(s): Gunratnasuri
Publisher: Jingun Aradhak Trust

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Page 164
________________ 2. 3. नाम कर्म के मुख्य .....भेद हैं, और बंधन नामकर्म के ...... भेद हैं। (अ) 4-15 (a) 5-10 (स) 1-2 सुख........ से मिलता है, जबकि दु:ख........ से मिलता है । यह सनातन सत्य है । (अ) आश्रव-निरोध (ब) पुण्य-पाप ( स ) कर्म - काल सूचना- नीचे पारिभाषिक शब्द दिये गये हैं । हरेक के लिये तीन अर्थ दिये गये हैं.... सही उत्तर खोज कर उसका नम्बर अपने उत्तर पत्र पर लिख लीजिये..... 4. पुद्गलास्तिकाय किसे कहते हैं ? 6. (अ) आँख के द्वारा जिसे हम दुनिया में देख सकते हैं। (ब) तीर्थंकरों को ही जिसका अनुभव हो सकता है। (स) सभी एक ही साथ जिसका ध्यान करते हैं। 5. जैन परमाणु किसे कहते हैं ? (अ) अपनी पैनी दृष्टि से अविभाज्य अंश । (ब) केवली की दृष्टि से अविभाज्य अंश (स) प्रोटोन, इलेक्ट्रोन और न्यूट्रोनों का समूह प्रचला किसे कहते हैं ? (अ) खड़े-खड़े नींद आए। (ब) नींद ही न आए। (स) थोड़ी नींद आए। Jain Education International रे कर्म तेरी गति न्यारी...!! / 163 For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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