Book Title: Re Karm Teri Gati Nyari
Author(s): Gunratnasuri
Publisher: Jingun Aradhak Trust

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Page 165
________________ 7. शातावेदनीय कर्म किसे कहते हैं ? (अ) जिसके उदय से सुख का अनुभव हो। (ब) जिसके उदय से दु:ख का अनुभव हो। (स) जिसके उदय से सुख और दुःख का अनुभव हो। 8. अनंतानुबंधी कषाय किसे कहते हैं ? (अ) जीवन के अंत तक रहता है (ब) छह महीने तक रहता है (स) पन्द्रह दिन तक रहता है 9. अकामनिर्जरा किसे कहते हैं ? (अ) बिना इच्छा से कष्ट सहन करना। (ब) इच्छा पूर्वक कष्ट सहन करना। (स) दूसरों के कहने से कष्ट सहन करना। 10. संयम किसे कहते हैं ? (अ) इन्द्रियों के ऊपर अंकुश रखना। (ब) पूजा करनी आदि। (स) परमात्म-दर्शन करना। सूचना- सही उत्तर ढूँढ कर अपने उत्तर पत्र में अ, ब, स, लिखिये। 11. छेवठं संघयण किसको कहते हैं? (अ) जिसमें मर्कट बँध हो। (ब) हड्डियाँ एक-दूसरे से छू कर रहे। (स) जिसमें कील लगी हुई हो। रे कर्म तेरी गति न्यारी...!! /164 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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