Book Title: Re Karm Teri Gati Nyari
Author(s): Gunratnasuri
Publisher: Jingun Aradhak Trust

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Page 166
________________ 12. समचतुरस्र संस्थान किसको कहते हैं? (अ) ऊपर के अवयव जिसमें शुभ हो। (ब) नीचे के अवयव शुभ। (स) चारों कोण जिसमें समान हो। 13. हुंडक संस्थान किसको कहते हैं? (अ) सभी अवयव जिसमें अशुभ लक्षण वाले हो। (ब) सभी अवयव शुभ हो। (स) ऊपर के अवयव अशुभ हो॥ 14. किन दो शरीरों के अंगोपांग नहीं होते हैं? (अ) कार्मण तैजस। (ब) थड-शाखा। (स) औदारिक-वैक्रिय। 15. परमात्मा की पूजा भक्ति के प्रभाव से किसने तीर्थंकर नामकर्म बाँधा ? (अ) कुमारपाल (ब) देवपाल। (स) अन्य कोई। 16. अवधिज्ञान क्या है? (अ) इन्द्रियों के बिना ही आत्मा, जिसके बल पर रूपी द्रव्यों का साक्षात् ज्ञान करती है। (ब) मन के भाव जिससे जाने जा सके। (स) शास्त्रीय ज्ञान रे कर्म तेरी गति न्यारी...!! /165 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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