________________ P.P.AC.GurmahasunMS. . बभिवृद्धि होती जाती है। है तीन खण्ड पृथ्वी के स्वामी! यदि आप बधीर होकर ऐसे विलाप करेंगे, तो आप | की समस्त प्रजा विकल हो जायेगी। अतः आप जैसे बुद्धिमान के लिए शोक करना कदापि उचित नहीं। यादव || / कुल में उत्पत्र होनेवाला सौभाग्यवान, प्रतिमाशील एवं दीर्घायु होता है। इसलिये आप के पुत्र का किसी के || द्वारा यदि अपहरण हुआ भी है, तो वह कहीं भी हो सुख से ही होगा एवं कुछ काल के पश्चात् कुशलतापूर्वक निज गृह को लौट भावेगा।' गुरुजनों के समझाने पर राजा के शोक का निवारण हुआ। उन्होंने रुक्मिणी को ओर देखा। उसका मुखमंडल बिखरे हुए केशों से ढंक रहा था। उन्होंने रुक्मिणी से कहा-'हे प्रिये तेरे पुत्र की अकाल मृत्यु कदापि सम्भव नहीं, क्योंकि वह दीर्घायु है। तुझे धैर्य धारण करना चाहिये। मैं तो स्वयं अपने को अपराधी मान रहा हूँ अन्यथा मेरे अमिराम पुत्र का हरण हो ही नहीं सकता था। इसमें तेरा कुछ भी अपराध नहीं है। हे विचक्षणे ! मैं तेरे पुत्र के अन्वेषण हेतु तत्काल दशों दिशाओं में सुभटों को भेजता हूँ। वे शीघ्र ही ला कर उसे तेरे अङ्क में सौंप देंगे।' रुदन करते-करते रुक्मिणो के नेत्र रक्तिम हो गये थे। पति के समझाने पर उसने क्रन्दन समाप्त कर दिया। श्रीकृष्ण को आज्ञा से दुर्भेद्य कवचधारी नवयुवक एवं कुलीन अश्वारोहियों के दल उनके पुत्र के सन्धान में निकले / अनेक दलों में विभक्त होकर विभिन्न दिशाओं में उन्होंने प्रस्थान किया। उन्होंने समस्त पृथ्वी का अन्वेषण किया, पर शिशु कुमार का कहीं सूत्र न मिल सका। वे निराश हो कर तब द्वारिकापुरी को लौट आये। अपने राजा के सम्मुख प्रस्तुत होते हो लज्जा से उनके मस्तक नत हो गये। उनकी आकृति देख कर श्रीकृष्ण को समझने में कुछ विलम्ब नहीं हुआ। उन्हें ज्ञात हो गया कि उनके पुत्र का कोई सन्धान नहीं मिला। उन्होंने भी विषाद को गुप्त रख कर अपनी ग्रीवा मुका लो। उनके समझाने पर रुक्मिणी ने अपने पुत्रशोक को सँभाला। पर समस्त द्वारिका नगरी ही विषाद में डूब गयी। नगर में कहीं भी उत्सव, वाद्य के शब्द, नृत्य, गीतादि सुनने में नहीं जाते थे-मानो कुमार के वियोग में द्वारावती (द्वारिकापुरी) की समस्त शोमा ही जाती रही। ___उन्हों दिनों द्वारिकापुरी में नारद का आगमन हुआ। वे माकाश-मार्ग से आ कर द्वारिका के एक उपवन | मैं ठहरे थे। जब उन्होंने देखा कि न तो नगरी में शोमा दिखती है एवं न उत्सव कार्य सम्पन्न किये जाते हैं, Junun arah