________________ - इस शास्त्र का रचना-काल पौष शुक्ल त्रयोदशी बुधवार सम्वत् 1535 है। जब तक पृथ्वी एवं सुमेरु || पर्वत की स्थिति है, सूर्यमण्डल-ग्रहादि तारे हैं एवं जब तक सज्जनों में पवित्र भावनायें हैं, तब तक श्री शान्तिनाथ जिनेन्द्र के चैत्यालय में भक्तिपूर्वक निर्मित सुखदायक एवं पवित्र यह शास्त्र स्थिर रहे। सर्वज्ञ देव के आशीर्वाद | 264 | से 'प्रद्युम्न चरित्र' सदैव लोक-रअक एवं धर्म-विजय का सेतु सिद्ध हो। 1 * समाप्त * Jun Gun Aaradha ACHARIA SSI KAILASSAGARSURI GYAKKAXDIR SHREE MAHAVIR JAN ARADHANA KENDRA Koba, Gandhinagar.382 007. Ph. : (079) 23270252,23276204-05 'Far: (079) 23276249 164