Book Title: Pakshika Sutram
Author(s): Yashodevsuri
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund

View full book text
Previous | Next

Page 24
________________ वृत्तिः पाक्षिकसूर वमाणवयणा तयासवा होति । कुट्ठयधनसुनिग्गलसुत्तत्था कोहबुद्धीया ॥१॥ (क्षीरं चक्रवर्तिधेनुदुग्धं, मधु शर्करादि मधुरद्रव्यं, सर्पिरतिशायिगन्धादि घृतं, एतत्स्वादोपमानवचना वैरस्वाम्यादिवत्तदाश्रवाः क्षीरमधुसप्पिराश्रवा भवन्ति | श्रोतृजनाप्यायकवचनत्वादितिभावः) जो सुत्तपएण बहुं सुयमणुधावइ पयाणुसारी सो। जो अत्थपएणत्यं अणुसरइ स बीयबुद्धीओ ॥१॥ अक्खीणमहाणसिया भिक्खं जेणाणियं पुणो तेण । परिभुत्ते च्चिय खिजइ बहुएहि वि न उण अन्ने हिं ॥२॥ शेषास्तु प्रसिद्धाः। भवसिद्धियपुरिसाणं एयाओ हवंति भणियलद्धीओ । भवसिद्धियमहिलाण वि जत्तिया जा तयं वोच्छं ॥१॥ अरहन्तचकिकेसवबलसंभिन्ने य चारणा पुवा । गणहरपुलायआहारगं च न हु भवियमहिलाणं ॥२॥ अभवियपुरिसाणं पुण दस पुचिल्लाओ केवलित्तं च । उज्जुमई विउलमई तेरस एयाओ नहु होति ॥ ३ ॥ अभवियमहिलाणं विहु एयाओ न होन्ति भणियलद्धीओ । महखीरासवलद्धी वि नेय सेसाओ अविरुद्धा ॥४॥ इत्यलं प्रसङ्गेन प्रकृतमुच्यते । महरिसी यत्ति चशब्दात्परमर्षयो गृह्यन्ते, ते च गणधराश्चतुर्दशपूर्विणश्च नानाविधलब्धिनिधयो द्रष्टव्या इति । तथा नाणं चत्ति ज्ञायते परिच्छिद्यते वस्त्वनेनेति ज्ञानमाभिनिवोधिकादिरूपं तत्रार्थाभिमुखोऽविपर्ययत्वात् नियतोऽसंशयस्वभावत्वाद्बोधो वेदनमभिनिबोधः स एवाभिनिबोधिकं तच्च तत् ज्ञानं चेत्याभिनिषोधिकज्ञानमिन्द्रियानिन्द्रियनिमित्तं ओघतः सर्वद्रव्यासर्वपर्यायमिति । तथा श्रूयते तदिति श्रुतं शब्द एव तदेव भावश्रुतकारणत्वात् ज्ञानं श्रुतज्ञानं श्रुतग्रन्थानुसारि ओघतः सर्वद्रव्यासर्वपयायविषयमक्षरश्रुतादिभेदमिति । तथा अवधीयतेऽनेनास्मादस्मिन् वेत्यवधिः, अवधीयत इत्यधोऽधो विस्तृतं परिच्छिद्यते मर्यादया वेति अवधिज्ञानावरणक्षयोपशम एव! + Jan Education For Private Personal use only

Loading...

Page Navigation
1 ... 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170