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और वैमानिक । देव मरकर न देव हो सकता है और न नारक । किन्तु अपने शुभाशुभ कर्मों के कारण मनुष्य या तिर्यञ्च गति में जन्म ले सकता है ।
गतियों के कारण संक्षेप में नरक गति के कारण हैं-महारम्भ, महापरिग्रह । तिर्यञ्च गति का कारण है-माया । मनुष्य गति के कारण हैं- अल्पारम्भ, अल्पपरिग्रह । देव गति के कारण हैं सराग संयम, संयमासंयम-श्रावकत्व, बालतप और अकाम निर्जरा आदि ।
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