Book Title: Pacchis Bol
Author(s): Vijaymuni Shastri
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

View full book text
Previous | Next

Page 59
________________ पाँच इन्द्रिय १. श्रोत्रेन्द्रिय निग्रह २. चक्षुरिन्द्रिय निग्रह ३. घ्राणेन्द्रिय निग्रह ४. रसनेन्द्रिय निग्रह ५. स्पर्शनेन्द्रिय निग्रह __ पाँच संवर १. सम्यक्त्व संवर २. व्रत संवर ३. अप्रमाद संवर ४. अकषाय संवर ५. शुभयोग संवर तीन योग १. मनो निग्रह २. वचन निग्रह '३. काय निग्रह दो यतना १. भाण्डोपकरण, यतना से लेना, रखना । २. सूचि कुशाग्र मात्र, यतना से लेना, रखना । व्याख्या आस्रव का निरोध संवर है । संवर आस्रव का विरोधी तत्त्व है । संवर का अर्थ है संयम । जिन कारणों से आस्रव को रोका जाता है, वे संवर कहे जाते - Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102