Book Title: Pacchis Bol
Author(s): Vijaymuni Shastri
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 95
________________ अङ्क २२. भंग नौ-दो करण, दो योग से कथन १. करूँ नहीं, कराऊँ नहीं, मन से, वचन से २. करूँ नहीं, कराऊँ नहीं, मन-से, काय से ३. करूँ नहीं, कराऊँ नहीं, वचन से, काय से ४. करूँ नहीं, अनुमोदूँ नहीं, मन से, वचन से ५. करूँ नहीं, अनुमोदूँ नहीं, मन से, काय से ६. करूँ नहीं, अनुमोदूँ नहीं, वचन से, काय से ७. कराऊँ नहीं, अनुमोदूँ नहीं, मन से, वचन से ८. कराऊँ नहीं, अनुमोदूँ नहीं, मन से, काय से ६. कराऊँ नहीं, अनुमोदूँ नहीं, वचन से, काय से | अंङ्क २३. भंग तीन-दो करण, तीन योग से कथन १. करूँ नहीं, कराऊँ नहीं, मन से, वचन से, काय से . २. करूँ नहीं, अनुमोदूँ नहीं, मन से, वचन से, काय ३. कराऊँ नहीं, अनुमोदूँ नहीं, मन से, वचन से, काय से | अंङ्क ३१. भंग तीन-तीन करण, एक योग से कथन १. करूँ नहीं, कराऊँ नहीं, अनुमोदूँ नहीं, मन से २. करूँ नहीं, कराऊँ नहीं, अनुमोदूँ नहीं, वचन से ३. करूँ नहीं, कराऊँ नहीं, अनुमोदूँ नहीं, काय से - Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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