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१. कृष्ण लेश्या ३. कापोत लेश्या ५. पद्म लेश्य
| बोल सत्तरहवाँ
लेश्या छह
२. नील लेश्या
४. तेजो लेश्या
६. शुक्ल लेश्या
व्याख्या
जीव के शुभाशुभ परिणाम को लेश्या कहते हैं । अथवा जिस परिणाम से कर्मों का आत्मा के साथ सम्बन्ध हो, उसे लेश्या कहते हैं । लेश्या के दो भेद हैं-भाव और द्रव्य । भाव लेश्या विचार रूप और द्रव्य लेश्या पुद्गल रूप होती है ।
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अथवा लेश्या के दो भेद हैं-धर्म लेश्या और अधर्म लेश्या । पहले की तीन अधर्म लेश्या और अगली तीन धर्म लेश्या हैं । इनको क्रमशः अशुभ लेश्या और शुभ लेश्या भी कहते हैं ।
कृष्ण लेश्या
अतिरौद्रः सदा क्रोधी, मत्सरी धर्म - वर्जितः ।
निर्दयो वैर - संयुक्तः, कृष्ण - लेश्याऽधिको नरः ॥ कृष्ण लेश्या वाले जीव के विचार अत्यन्त क्रूर होते
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