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system दृष्ट दूसरे प्राणियों की अपेक्षा अधिक विकसित है । मनुष्य में Mental power अन्य प्राणियों से श्रेष्ट है ।
मनोविज्ञान के अनुसार मन के तीन भाग हो सकते हैं— चेतन मन conscious, चेतनोन्मुख Pre-conscious और अचेतन Un-conscious ।
चेतन मन, मन का वह भाग है, जिसमें मन की समस्त ज्ञान क्रियायें चला करती हैं । चलना, फिरना, बोलना लिखना पढ़ना और सोचना आदि क्रियाओं का नियन्त्रण चेतन मन करता है ।
चेतन मन के परे चेतनोन्मुख मन है । उसमें वे भावनाएँ, स्मृतियाँ, इच्छाएँ तथा वेदनाएँ रहती हैं, जो प्रकाशित नहीं हैं, किन्तु वे चेतना पर आने के लिए तत्पर हैं ।
चेतनोन्मुख मन के परे अचेतन मन है । विचार तथा भावनाएँ न हमें ज्ञात रहती हैं और न सहज भाव से बाहर ही आती हैं । प्रयत्न विशेष से ही वे चेतना स्तर पर आती हैं ।
शास्त्र में मन के दो भेद हैं— द्रव्य और भाव । द्रव्य मन पुद्गलमय होने से जड़ है और भाव मन चेतनमय, क्योंकि भाव मन ज्ञानावरण का एक क्षयोपशम- विशेष है ।
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