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चक्षुष् इन्द्रिय के पाँच विषयों के ६० विकार । कृष्ण आदि पाँच वर्ण हैं-ये ५ सचित्त, ५ अचित्त और ५ मिश्र । ये १५ शुभ और १५ अशुभ । इन ३० पर राग और ३० पर द्वेष । ये ६० विकार हुए ।
घ्राण इन्द्रिय के दो विषयों के १२ विकार । गन्ध दो हैं— सुगन्ध और दुर्गन्ध । ये २ सचित्त, २ अचित्त और २ मिश्र । इन छह पर राग और छह पर द्वेष । ये १२ विकार हुए ।
रसन इन्द्रिय के पाँच विषयों के ६० विकार । पाँच रस हैं—ये ५ सचित्त, ५ अचित्त और ५ मिश्र । १५ शुभ और १५ अशुभ । इन ३० पर राग और ३० पर द्वेष । ये ६० विकार हुए । __ स्पर्शन इन्द्रिय के आठ विषयों के ६६ विकार । स्पर्श आठ हैं--ये ८ सचित्त, ८ अचित्त और ८ मिश्र । २४ शुभ और २४ अशुभ, इस प्रकार ४८ पर राग और ४८ पर द्वेष । ये ६६ विकार हुए ।
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