Book Title: Pacchis Bol
Author(s): Vijaymuni Shastri
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 14
________________ बोल तीसरा काय छह - १. पृथ्वी काय २. अप् काय ३. तेजस् काय ४. वायु काय ५. वनस्पति काय ६. बस काय ( व्याख्या विभिन्न प्रकार के पुद्गलों से बने शरीरों के द्वारा जीव के जो विभाग होते हैं, उन्हें काय कहते हैं । पृथ्वी है काय जिनकी, वे जीव पृथ्वी काय हैं । अप (जल) है काय जिनकी, वे जीव, अपकाय हैं । तेजस् (अग्नि) है काय जिनकी, वे जीव, तेजस् काय हैं । वायु है काय जिनकी, वे जीव, वायु काय हैं । वनस्पति है काय जिनकी, वे जीव, वनस्पति काय हैं । त्रस (गमन-चलन क्रिया युक्त) हैं काय जिनकी, वे जीव, बस काय हैं । जीव-विज्ञान पर जितना अनुसन्धान जैन शास्त्रों में मिलता है, उतना अन्यत्र नहीं । अहिंसा-मूलक धर्म के लिए यह आवश्यक भी था और आज भी है । हिंसा से बचने के लिए जीवों का स्वरूप और जीवों के भेदों को जानना अत्यन्त आवश्यक है। - - Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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