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स्वदेश में शुभागीमन मांडवगढ में ग्रन्थकारो की उत्पनि कविवर मंडन और धनदराजका ग्रन्थागार ५० श्री विजयदेव सूरीश्वरको मांडवगढ पधारने के लिये जहांगीर बादशाहका आमंत्रण ५३ जहांगीर बादशाह से मुलाकात. ५८ मंडप दुर्ग में महात्माका चातुर्मास ५९ श्री सुपार्श्वनाथकी प्रतिमाकी उत्पत्ति और इसतीर्थकी प्रख्याति मांडवगढ मंडन श्री सुपाय जिन स्तवन ६१ मांडवगढनोर्थका दूसरा स्तवन मांडवगढ मे श्री प्रमद पार्श्वनाथका मंदिर ६४
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