Book Title: Mandavgadh Ka Mantri Pethad Kumar Parichay
Author(s): Hansvijay
Publisher: Hansvijay Jain Free Library

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Page 102
________________ ६२ पेथडकुमारका परिचय. *HEIRECIRRORAKASHAAREERY मांडवगढतीर्थका दूसरा स्तवन। TREBA DA GIBALESEXUBERASYON ॥ जावो जावो नेमि पिया, थारी गति जानी रे-ए देशी. तोरथ पवित्र मांमवगढ, मनो हारारे. आंकणी. तोहां शोने शांतिनाथ, सातमा सुपार्श्वनाथ । विजयानन्द सूरीश्वर, मूर्तिरूपे प्यारा रे ॥ तीरथ. ॥१॥ रामचंड लदमण वीर, सीतासती अति धीर । प्रनु पूजा करी हां, शिव सुखकारा रे ॥ तोरथ.॥२॥ प्रमद पारस प्रनु, जगतना एतो ऋजु ।

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