Book Title: Mandavgadh Ka Mantri Pethad Kumar Parichay
Author(s): Hansvijay
Publisher: Hansvijay Jain Free Library

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Page 48
________________ 济 ८ पेथडकुमारका परिचय. 济 % % % महोत्सव करके पुत्र का नाम “पेथम * कुमार” रक्खा। जब पेथमकुमार योग्य - वय का हुआ तो उसको व्याकरणादि । की उचित शिदाएं दिलाई गई, वही अपने बुद्धिबलसे कला कौशल्य में निपुण होगया तब उसका विवाह बन्धन एक सेठ की पद्मिनी नामक कन्यासे करवाया गया । पेथमकुमार व पद्मिनी आनन्दपूर्वक रहने लगे इनके संयोगसे "कांफनकुमार' नामक * एक पुत्र उत्पन्न हुथा। एक समय ऐसा * था कि देदासेठ पुत्र विना तरसता था अब तो पुत्र क्या, पौत्र का जी सुख देदासेठ को प्राप्त हो गया। * कांऊन कुमार की लघु वयमें ही चम कृत बुद्धि देख कर उसके पितामह । % % % % %平路

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