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पेथडकुमारका परिचय.
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महोत्सव करके पुत्र का नाम “पेथम * कुमार” रक्खा। जब पेथमकुमार योग्य - वय का हुआ तो उसको व्याकरणादि ।
की उचित शिदाएं दिलाई गई, वही अपने बुद्धिबलसे कला कौशल्य में निपुण होगया तब उसका विवाह बन्धन एक सेठ की पद्मिनी नामक कन्यासे करवाया गया । पेथमकुमार व पद्मिनी आनन्दपूर्वक रहने लगे
इनके संयोगसे "कांफनकुमार' नामक * एक पुत्र उत्पन्न हुथा। एक समय ऐसा * था कि देदासेठ पुत्र विना तरसता
था अब तो पुत्र क्या, पौत्र का जी
सुख देदासेठ को प्राप्त हो गया। * कांऊन कुमार की लघु वयमें ही चम
कृत बुद्धि देख कर उसके पितामह ।
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