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मांडवगढका मन्त्री
कर श्री विजयदेवसूरीश्वर महाराज को अपने पास बुलवाया । उस वक्त श्री विजयदेव सूरिजी खम्नात में बिराजमान थे । फरमान पढ कर उक्त सूरिजी मांमवगढ जाने के लिये रवाना हुवे और नेमसागर को राधनपुरसे बुलाये | ने मिसागरजी अपने साथ वीरसागर, जक्तिसागर, प्रेमसागर, शुजसागर, श्रीसागर, शांतिसागर, गण सागरच्यादि शिष्यों सहित राधनपुरसे मांगवगढ जानेके लिये निकले । जब वहाके संघने कहाकि मार्गमें मोहनपुर पहामी गांव आता है और जैसे नाम तैसे गुणवाली सांपिनी, वोबिनी नामक नदियां आती हैं इस लिये मी सावधानी से पधारना । धर्मके
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