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माडवगढकामन्त्री ५१ * गुजरात प्रान्तके गन्धार बंदर को।मां * मव या मांमू जिस समय उन्नति के शिखर पर चढा हुवा था उस समय वहां पर जैन धर्मकी नो बमी उन्न. तिथ। उस समय यह स्थान जैन धर्म में मालवा प्रान्त का केन्द्र गिना जाता था। बमे २ धनाढ्य और स. त्ताधिकारी जैन वहां पर रहा करते थे। कहते हैं कि वहां पर उस समय जैनोयों की कई लाख को संख्याथी। बहुत से क्रोमपती और लदाधिपतो जैन इस शहर की शोजा को बढाते थे।
कहा जाता है कि उस समय इस शहर * में एक ली गरीब श्रावक नहीं था।
जो कोई दारिपीडित जैन बहार से की आताथा तो शहर के श्रावक लोग