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माडवगढका मन्त्री
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ऊंऊण था । इसके १ चाहम. २ बाहम ३ देहरु. ४ पद्म. ५ आल्हा. ६ पाहु नामक व पुत्र थे इनमें से देहम और पद्म तो मांगगढ के तत्कालीन बादशाह आलमशाह के दीवान थे और बाकी के अन्यान्य व्यवसायों में अग्रगए थे। इन व जाइयों के बहुत से पुत्र थे (जनमें से मंगन और धनदाज विशेष प्रसिद्ध थे ।
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मंकन बाहर का छोटा पुत्र था और धनदराज देहम का एक मात्र लगका था। इन दोनों चचेरे जाइयों पर, लक्ष्मी देवी की जैसी प्रसन्न दृष्टिथी वैसी ही सरस्वती देवी की जी पूर्ण कृपाथी यानि ये जैसे बने जारी श्री न् थे वैसे ही उच्च कोटिक विद्वान जी थे
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