Book Title: Mandavgadh Ka Mantri Pethad Kumar Parichay
Author(s): Hansvijay
Publisher: Hansvijay Jain Free Library

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Page 78
________________ ३८ पेथडकुमारका परिचय. ध्यान करता हुवा, समाधियुक्त, इस * असार संसार को बोमकर स्वर्गलोक को पेथमकुमार प्रयाण करगया। - झांझन कुमार मंत्रीकी 4) तीर्थयात्रा। पिताजी के वियोगसे कांऊनकुमार अनेक प्रकारके विलाप करने लगा। बमेबसे अमीर उमराव तथा राजा, वि विध प्रकार से कांऊनकुमार को शोक निवारण के लिये आश्वासन देते थे । * पर जिसका हृदय पिताके विरह से , * विव्हल हो गया है ऐसा कांफनकुमार ही व्याकुलतासे अपने दिन व्यतीत करने लगा। इस अर्से में एक समय जांऊ

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