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४६ पेथडकुमारका परिचय.
आप जैसे कल्पवृक्ष और अविचल * वचन पालने वाले स्वामोसे किसी न.
चित मोके पर अर्ज करूंगा।
NEERA
ENABHARATI कर्णावती में प्रवेश और ९६ राजा
ओं कबंधन मुक्त होना।
___ उपरोक्त घटनाओं के पश्चात् राजा
सिंहासन से उठ कर सर्व संघवियों की * को हाथियों पर बिठा कर महोत्सव में पूर्वक अपनी नगरी में ले गया।
एक समय मंत्रीश्वर को मात्रुम हवा कि सारंगदेव राजाने ए राजाओं को कैद किये हैं यह जानकर उनको । बन्धन मुक्त कराने का निश्चय किया। उचित अवसर पाकर मंत्रीश्वर ने