Book Title: Mandavgadh Ka Mantri Pethad Kumar Parichay
Author(s): Hansvijay
Publisher: Hansvijay Jain Free Library

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Page 88
________________ पेथडकुमारका परिचय को " राजबन्दी बोटक " इस नामकी उपाधी प्रदान की । ४८ स्वदेश में शुभागमन । OOOOC कितनेक समय तक सारंगदेव राजाकी शीतल छाया में रह कर आज्ञा प्राप्त करने के बाद संघ स्वदेश की तरफ रवाना हुवा | अपने अद्भुत कार्यों से सब को आश्चर्य चकित करता हुवा और द्रव्य की वृष्टी बरसाता हुवा संघ पती ताम्रावती (खम्जात) आदि नगरों में श्री स्थंजन पार्श्वनाथ महा राज आदि जिनेश्वर जगवान की यात्रा करता हुवा मांगवगढ पास जा पहुंचा।

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