Book Title: Mandavgadh Ka Mantri Pethad Kumar Parichay
Author(s): Hansvijay
Publisher: Hansvijay Jain Free Library

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Page 85
________________ मांडवगढकामन्त्री ४५ ~ ~ ~ ~ ~ • लिया, वह देख कर मंत्री चकित हो गया। मंत्री ने राजाका अनिप्राय स. मऊ कर लोगों को दृष्टि के सामने कपूर लाकर एक दम राजा की पसली को शिखा पर्यन्त नर दी। कपूर गिरने लगा तब राजा ने अपना हाथ नीचे किया उसी दम लोगों का जय जय शब्द होने से सामन्तों के साथ राजा नी हंसपमा इस कौतुक को देख कर सब लोग मंत्रीश्वर के धैर्य और बुद्धि बल का यशोगान करने लगे * यह कार्य किसी ने नहीं कियाथा और * मंत्री ने कर दिखाया इससे राजाने * प्रसन्न हो कर इलित वस्तु मांगने के लिये मंत्रीश्वरको कहा, तब मंत्रीने प्रार्थना की कि आपकी आज्ञानुसार KHERIYARERNARIYARTISMENT

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