Book Title: Mandavgadh Ka Mantri Pethad Kumar Parichay
Author(s): Hansvijay
Publisher: Hansvijay Jain Free Library

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Page 76
________________ ३६ पेथडकुमारका परिचय. * हो जाने के बाद, लमाई की तैयारी करके फौजको रवाना करदी। थोमे ही बक्त में शत्र सैन्यको पराजय कर कर जयसिंहदेव की सेना, विजयपताका फरकातो हुई वापिस आई। CAMER RAKH**** * कलशारोपण। ___उपदेश सप्तति नामक ग्रन्थके पेथम अधिकार में लिखा है कि सुविख्यात पेथमकुमार मंत्रीने श्री मंगप दुर्ग (मांमवगढ) के जिनालयोंपर अपने * प्रतापके जैसे उज्ज्वल सुवण के ३०० में * कलश चढाये.

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