Book Title: Mandavgadh Ka Mantri Pethad Kumar Parichay
Author(s): Hansvijay
Publisher: Hansvijay Jain Free Library

View full book text
Previous | Next

Page 57
________________ मांडवगढकामन्त्री १७ । * धाई देने वाले उस माधव नाट को सोने की जोन, व हीरेके दांतों की पंक्ति, बहुमुल्य वस्त्र, पांच घोमे, और एक अच्छा गांव पारितोषिक में दिया, इसके बाद बहत्तर हजार प्रव्य खर्च करके गुरु महाराज का बमा नारी प्रवेश महोत्सव कराया। ___ एक वक्त पेथमकुमार हाथ जोमकर आचार्य महाराजसे प्रार्थना करने लगा कि हे स्वामिन् ! मैने जो आपके पाससे परिग्रह परिमाण व्रत ग्रहण किया है उससे मेरे पास बहुत अधिक धन हो गया है उसको किस कार्य में 3 * लगाना चाहीये कि जिससे मेरा कट्याण हो। उसकी यह प्रार्थना सुन आचार्य महाराज ने फरमाया कि हे ।

Loading...

Page Navigation
1 ... 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112