Book Title: Mandavgadh Ka Mantri Pethad Kumar Parichay
Author(s): Hansvijay
Publisher: Hansvijay Jain Free Library

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Page 60
________________ * २० पेथडकुमारका परिचय. ३५ जेसंगपुर में. ३६ लिम्बपुर में. ३७ * स्थुरादरि मे. ३० सलवणपुर में. ३ए जीर्णपुर्ग (जुनागढ) में. ४० धवलपुर में (धोलका) में.४१ मंकोडीपुर में. ४२ विक्रमपुर में. ४३ देवगिरी (दौलताबाद) में. इत्यादि अनेक स्थानों में सुवर्ण के कलशध्वजा दएम सहित जिनालय ब नवाकर पृथ्वी को विनूषित की नल समय उन वे जिनालय पर फरकता हुई ध्वजा पताकाए अपने हाथों से भव्य जीवों को स्वर्ग लदमो प्राप्त करने के लिये थामन्त्रण कर रही थीं। ब्रह्मचर्य व्रत। एकदिन पेथमकुमार अपनी स्त्रीको । कहन लगा कि हे प्रिया !इस दुनिया ,

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