Book Title: Mandavgadh Ka Mantri Pethad Kumar Parichay
Author(s): Hansvijay
Publisher: Hansvijay Jain Free Library

View full book text
Previous | Next

Page 65
________________ मांडवगढकामन्त्री wwwwwwwwwwwwww W २५ * पा कर अखूट लदमी सम्पादन की , * इससे कुछ कल्याण नहीं हुवा, न जाने * कल क्या होने वाला है इसकी कुछ * खबर नहीं पड़ती। मिट्टी के बर्तन जैसी इस देह का क्या जरोसा है अतएव मनुष्य जन्म सार्थक करने के लिये तीर्थ शिरोमणि श्री सिझाचल• जी की यात्रा करनी चाहिये । एसा निश्चय करके पेथमकुमार ५५ देरासरों सहित बमा संघ निकाल कर यात्रा * करने चला। वहां पहुंच कर श्री ऋ. • पनदेव स्वामी के दर्शन प्रजन से अ पनाजन्म सफल किया और खूब दान , * पुन्य करके श्री गिरनारजी जा पहुचा ) र वहां पर योगिनीपुर निवासी, अला. उदीन बादशाह से सन्मानित पूर्ण ।

Loading...

Page Navigation
1 ... 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112