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पेथडकुमारका परिचय.
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* नामक अग्रवाल दिगम्बर श्रावक बमा
संघ लेकर आया हुवा था। दोनों संघ
के लोग पर्वत पर चढने लगे उस स. * मय दोनों के आपस में तीर्थ के वावत र वाद विवाद होने लगा। एक पद,
अपना तीर्थ होने का प्रमाण बतलाने लगा तो दूसरा पदनी अपनी नजीरें देने लगा। तब एक वयोवृक्ष पुरुष ने क्लेश निवारण का एक तीसरा रास्ता दिखला कर कहा कि तुम दोनो * संघ पती साथ साथ पर्वत पर चढो
और इन्छ माला पहनने के वक्त सु. की वर्ण अव्य की बोलो बोलो जो अधिक * सोना देवे उसी का यह तीर्थ समका
जाय गा। यह बात दोनो संघ पतियों ने मंजूर करलो क्यों कि शुरवीर पुरुष