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मांडवगढका मन्त्री
ने उसको समग्र शास्त्रीय शिक्षा दि. लाना आरंभ किया | जांजनकुमार उचित शिक्षाएं पाकर विद्वान हो गया। थोमे ही समय में अपने कुटुम्ब को बोकर देदासे व उसकी विमला सेठानी स्वर्गस्थ होगये ।
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पेमकुमार के माता पिता के परलोक वास हो जाने के बाद पूर्व स चित पाप कर्मों के उदय से उसकी आर्थिक स्थिति दिन बदिन गिरने लगी यद्यपि उसके पिता सुवर्ण सिद्धि की क्रिया जैसी संपत्ति उसको दे गया या लेकिन जाग्य चक्र के फिरने से उसकी वह क्रियाजी नष्ट हागई ! ऐसी हालत में जो पेथमकुमार अत्यन्त धैर्य धारण करके और अपने धर्म पर कटि