Book Title: Mandavgadh Ka Mantri Pethad Kumar Parichay
Author(s): Hansvijay
Publisher: Hansvijay Jain Free Library

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Page 47
________________ __ मांडवगढकामन्त्री दारता दखकर सबलोग आश्चर्य क* रने लगे जब यह समाचार राजाने * सुने तो वह नी बमा खुश हुआ और उसने देदासेठ का सम्मान करके मूल्य के वस्त्रालंकारसे उसको : नित किया। **************** - पुत्ररत्नकी * ******** TO प्राप्ती ************** किस्मत के आगे, किसीकी कुछ नहीं चलता। ___ सब हो तेरे होते, कि जब तकदोर है फिरती ॥१॥ सौजाग्यवश विमला सेठानीको पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। माता पिताने जन्म

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