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॥ श्री शान्तिनाथ प्रभोः पादपद्मभ्यो नमः ॥
श्रुत्वा गुरु गिरं पृथ्वी', धरोऽथ पृथु-पुण्यधीः चैत्यंन्यस्ताद्यतीर्थेशं, द्वा सप्ततिजिनालयम् शत्रुंजयावताराख्यं, रेदंड कलाशांकितम् । द्रम्माष्टादश लक्षाभि, मैडपान्तर चीकरत्
मांडवगढका मन्त्री
अथवा
पेथडकुमार का परिचय -:
परिचय
देवलोक के समान अवन्ति प्रदेश में नीमामके अन्तर्गत नान्डुरी नामक एक पुरी थी जिसमें ऊर्ध्व केशीय (dसवाल ) वंशका एक देदाशाह नामक १ पेथडकुमार. २ सुवर्ण.