Book Title: Kaise kare Vyaktitva Vikas
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 21
________________ सफल जीवन के लिए जरूरी : सक्रिय बचपन वट-वृक्ष का भविष्य आखिर बीज में ही समाया होता है। बीज का अंकुरण और उसके विकास पर ध्यान दिया जाए तो उसके सुखद और सफल परिणाम की आविष्कृति सहज संभव है। केवल फूलों और पत्तों को सींचने से कुछ नहीं होने वाला है। बाहर का सारा फैलाव जड़ों पर केन्द्रित है। जड़ों को मजबूत और सिंचित करने वाला ही जीवन के श्रेय और लक्ष्य को उपलब्ध कर पाता है। ___ कहते हैं कि पूत के पाँव तो पालने में ही दिख जाया करते हैं। जीवन का विज्ञान जीवन के आविर्भाव से जुड़ा हुआ है। जो व्यक्ति जन्मजात झगड़ालू प्रकृति का है, चिड़चिड़े स्वभाव का है, उसके भावी जीवन में शान्ति के लहलहाते देवदार की कल्पना नहीं की जा सकती। एक हँसतामुस्कराता बच्चा प्रसन्नता भरे जीवन का संकेत है। कुछ बच्चे केवल प्रकृति से शान्त और प्रसन्न नहीं होते, भाग्यवंत भी होते हैं। वे अपनी खुशियाँ कैसे करें व्यक्तित्व-विकास Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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