Book Title: Kaise kare Vyaktitva Vikas
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 25
________________ प्रशिक्षण देना चाहिए और उसे सफलतापूर्वक करने का प्रोत्साहन भी देना चाहिए। अभ्यास, प्रशिक्षण और प्रोत्साहन, बाल्यावस्था के वे सबसे कारगर उपाय हैं जिनके चलते उसे थकान भी कम महसूस होती है , बारबार गलतियाँ नहीं होती और निरर्थक गतिविधियों से छुटकारा मिलता है और काम करने की गति और क्षमता भी बढ़ती है। त्रुटियों की पुनरावृत्ति न होने के कारण क्रियात्मकता में विशुद्धता भी आती है। ___बालकों को अपने विकास के लिए अगर प्रोत्साहन मिलता रहे तो वे अपेक्षाकृत जल्दी कुशाग्र और सफल हो सकते हैं। यदि बालक को किसी कार्य में सफल होने के बाद उसे लोगों के बीच पुरस्कृत भी किया जाए तो इससे उसका उत्साह बढ़ेगा। इसका परिणाम यह होगा कि वह अपने अध्ययन और लक्ष्य के लिए और अधिक जागरूक बनेगा। वह अपनी सफलताओं को विस्तार देगा और आगे जाकर अपनी कार्यशैली में और अधिक प्रखर होगा। तेजोमयता होगी उसके क्रियाकलाप में, बोल-बर्ताव में। एक सक्रिय और सफल जीवन के लिए जरूरी है एक सक्रिय और सफल बचपन। 000 १८ कैसे करें व्यक्तित्व-विकास Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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