Book Title: Kaise kare Vyaktitva Vikas
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 44
________________ INDI बच्चों का सामाजिक विकास मनुष्य का जन्म समाज में होता है और उसका विकास भी समाज में। मनुष्य से ही समाज का निर्माण होता है और समाज के कारण ही वह अपने बहुमुखी स्वभाव को गौरवान्वित करने का अवसर उपलब्ध कर पाता है। समाज सामूहिक जीवन है। व्यक्ति समूह की इकाई है। व्यक्तियों की परस्पर प्रतिबद्धता के कारण ही समाज का अस्तित्व है। ___सामाजिक सभ्यता और संस्कृति मनुष्य को मानो एक विरासत के रूप में प्राप्त होती है। सभ्यता से साक्षात्कार ही सामाजिक धरोहर की सुरक्षा है। कोई भी मनुष्य समाज-निरपेक्ष होकर जीना चाहे तो उसका जीवन व्यक्ति-सापेक्ष ही कहलाएगा। मनुष्य सामाजिक इकाई है। उसका जन्म समाज में होता है, किन्तु वह जन्मजात सामाजिक नहीं होता। इसका अभिप्राय यह भी नहीं है कि वह कोई असामाजिक होता हो। जन्मना तो मनुष्य समाज-निरपेक्ष ही होता है। सामाजिक सापेक्षता और उसकी प्रतिबद्धता तो आत्म-विकास के साथ-साथ फलीभूत होती है। - - - - - - - - बच्चों का सामाजिक विाकस - - - - - - - - - - - - - - Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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