________________
बच्चों को खेल-कूद और मनोरंजन के साधन भी उपलब्ध करवाए जाएँ। पढ़ाई का जरूरत से ज्यादा उस पर बोझ न पड़े। यदि सम्भव हो तो उसके लिए कम्प्यूटर की भी व्यवस्था की जाए। इससे उसकी बुद्धि दस गुना ज्यादा त्वरित होगी ।
बच्चों को योग और प्रार्थना के लिए भी प्रेरित करें। इससे उनमें एकाग्रता, इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास का उदय होगा। जीवन के विपरीत मार्गों पर कदम चले जाने के बावजूद उनकी आत्मा में नैतिक बल बना रहेगा। साथ ही वर्ष में एक-दो बार उन्हें यात्रा भी करवाएँ। इससे वातावरणपरिवर्तन होगा। घूमने-फिरने से मन के तनाव कम होंगे और देह - बल बढ़ेगा। नई-नई चीजों को देखने से नई-नई जिज्ञासाओं का जन्म होगा, जो कि ज्ञान-प्राप्ति का महत्त्वपूर्ण पहलू है। बौद्धिक विकास के लिए जितना हमें सजग रहना चाहिए, उतना ही स्वयं बच्चे को भी ।
४६
Jain Education International
000
कैसे करें व्यक्तित्व - विकास
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org