Book Title: Jain Agamo me Parmatmavada
Author(s): Atmaramji Maharaj
Publisher: Atmaram Jain Prakashan Samiti

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Page 24
________________ (७) १०. निद्रा का क्षय। ११ निद्रानिद्रा का क्षय । १२ प्रचला का क्षय १३. प्रचल-प्रचला का क्षय । १४ स्त्यानद्धि का क्षय । १५ सातावेदनीय कर्म का क्षय । १६ असातावेदनीय कर्म का क्षय । १७ दर्शनमोहनीय कर्म का क्षय। १८. चारित्रमोहनीय कर्म का क्षय । १९. नरकायु का क्षय। २०. तिर्यञ्चायु का क्षय । २१. मनुष्यायु का क्षय । २२ देवायु का क्षयं । २३. उच्च गोत्र कर्म का क्षयं । २४ नीच गोत्र कर्म का क्षय । २५. शुभ नाम कर्म का क्षय । २६ अशुभ नाम कर्म का क्षय । २७ दानान्तराय कर्म का क्षय । २८. लाभान्तराय कर्म का क्षय । २९ भोगान्तराय कर्म का क्षय । ३०. उपभोगान्तराय कर्म का क्षय । ३१. वीर्यान्तराय कर्म का क्षय ।

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