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रायचन्द्रजैनशास्त्रमालायाम् ।
६२।१८
विषय. पृ. पं. विषय.
पृ. पं. योनिअधिकार ...
३५।२७ संज्ञाओंके स्वामी ... ... ५७। ६ तीन प्रकारका जन्म
३६।१५ मार्गणा-महाधिकार जन्मका योनिके साथ सम्बन्ध ... ३७॥ ४ मंगलाचरण और मार्गणाधिकारके वर्णगुणयोनिकी संख्या ... ... ३७१२४ नकी प्रतिज्ञा ... ... ५७७२१ गतिकी अपेक्षा जन्म
३८।१२ मार्गणाका निरुक्तिपूर्वक लक्षण ... ५८। १ गतिकी अपेक्षा वेदोंका नियम ३९। ७ चौदह मार्गणाओंके नाम ...
५८।१० अवगाहनाअधिकार ...
३९।१९ अंतरमार्गणाओंके भेद और उनके कालअवगाहनाओंके स्वामी और उनकी न्यू
| का नियम ... ... ...
५८११७ नाधिकताका गुणाकार... ... ४१। ७ अंतरमार्गणा विशेष ... ... चतुःस्थानपतित वृद्धि और अवगाहनाके
गतिमार्गणा अ-६ मध्यके भेद ... ... ... ४३।१४
५९/२१ वायुकायकी अवगाहना ... ...
गति शब्दकी निरुक्ति और उसके भेद ४५।१३
नारकादि ४ गतियोंका भिन्न २ स्वरूप ६०। १ तेजस्कायादिकी अवगाहनाओंके गुणाका
सिद्धगतिका स्वरूप ... ... ६२। ३ रकी उत्पत्तिका क्रम ... ... ४६।२३
गतिमार्गणामें जीवसंख्या ... ... अवगाहनाके विषयमें मत्स्यरचना कुलअधिकार
इन्द्रियमार्गणा अ-७ ४७११६ इन्द्रियका निरुक्तिसिद्ध अर्थ
६६।२३ पर्याप्ति-अधिकार ३
...इन्द्रियके द्रव्य भावरूप दो भेद और दृष्टांतद्वारा पर्याप्त अपर्याप्तका स्वरूप... ४८।२२
उनका स्वरूप पर्याप्तिके छह भेद और उनके स्वामी...
इन्द्रियकी अपेक्षा जीवोंके भेद
६७।१४ पर्याप्तिका काल
इन्द्रियवृद्धिका क्रम
६८ १ अपर्याप्तकका स्वरूप ... ... ५०.२६
इन्द्रियोंका विषयक्षेत्र
६८।११ अपर्याप्तकके उत्कृष्ट भव ... ... ५१. ९
इन्द्रियोंका आकार
७०। १ केवलियोंकी अपर्याप्तताकी शंकाका परि
इन्द्रियगत आत्मप्रदेशोंका अवगहनहार ...
७०।८ गुणस्थानोंकी अपेक्षा पर्याप्त अपर्याप्त ।
अतीन्द्रियज्ञानियोंका स्वरूप
७१। १ अवस्था ... ... ...
एकेन्द्रियादि जीवोंकी संख्या
७१।१७ सासादन और सम्यक्त्वके अभावका
कायमार्गणा अ-८ नियम ... ...
कायका लक्षण और भेद... ... ७३।२७ प्राण-अधिकार ४
पृथ्वी आदि ४ स्थावरोंकी उत्पत्तिका । माणका लक्षण
५३१२१ ___ कारण ... ...
७४। ६ प्राणके भेद ...
शरीरके भेद और लक्षण ... ... ७४।१६ प्राणोंकी उत्पत्तिकी सामग्री
५४।१२ शरीरका प्रमाण... ...
७४/२५ प्राणोंके स्वामी ... ...
५४॥२७
वनस्पतिका स्वरूप और भेद ... एकेन्द्रियादि जीवोंके प्राणोंका नियम ... ५५६ त्रसोंका स्वरूप भेद क्षेत्र आदि ७९।२६ संज्ञा-अधिकार ५
वनस्पतिके समान दूसरे जीवोंमें प्रतिष्ठित संज्ञाका स्वरूप और भेद ... .... ५५।२४ अप्रतिष्ठित भेद ... .... ८००२६ क्रमसे आहारादि संज्ञाका स्वरूप ... ५६। ४ स्थावर और त्रस जीवोंका आकार ...
४९। ५
५०। १
न
५२।१०
प्रमाण
५२।२८
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