Book Title: Gayavar Vilas Arthat 32 Sutro Me Murtisiddha Author(s): Gyansundar Publisher: Sukanraj S PorwalPage 24
________________ [ 19 ] साधु को गोचरी जाना, पडि - लेहण करना, गुरु को वन्दन करना, जिन प्राज्ञा है । इसमें भी हिंसा है। पूर्ववत् साधु को गोचरी जाना पडिलेहण करना गुरु को वन्दना करना, इसमें भी हिंसा है ___4 साधु को वरसते वर्षात में ठल्ले-मात्रा | 4 | साधु को वरसते वर्षाद में ठल्ले आना इस जाना इसमें भी आज्ञा है, हिंसा अवश्य में भी हिसा अवश्य होती है। होती है। पुर्ववत् श्रावक कान्फ्रेन्स में हजारों लोग इव? श्रावक कान्फ्रेन्स में हजारों लोग इक्ट्ठ होते हैं शासन उन्नति करते हैं । पूर्ववत् होते हैं । शासन उन्नति करते हैं। ( हिंसा) ( हिंसा) शास्त्र लिखने में, छपाने में शासन उन्नति | शास्त्र लिखने, छपाने में भी शासन उन्नति है। पूर्ववत् ( हिंसा) ( हिंसा)Page Navigation
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