Book Title: Gayavar Vilas Arthat 32 Sutro Me Murtisiddha Author(s): Gyansundar Publisher: Sukanraj S PorwalPage 54
________________ । 49 ] मदिरा मांस पकाकर अपने सम्बन्धियों को खिलाया जाता है । जो कि द्रोपदी के विवाह में ये दोनों कार्य हुए हैं। ( उत्तर ) मित्र ! द्रोपदीजी के लग्न समय कृष्ण वासुदेव आदि बड़ 2 राजा आये थे। उनकी साक्षी से महासती, द्रोपदी जी ने पूर्व नीयाणे के प्रभाव से 5 पति वरे थे । जिसको श्री कृष्ण वासुदेव ने भी कहा है [सुवरियं] याने भला वरिया । अब भी आपको कुछ भ्रम हो तो सुनो ! वीर भगवान ने मुखारवींद से कहा है कि चेलना महासती है, इसको तो आप भी मानते हो, जब चेलना जी को दोहला के समय अभय कुमार ने किस का आहार कराया था ? वो निरयावलीका सूत्र में खुलासा है, वो कारण से किया हुआ कार्य अब भी आप कर सकते हैं ? ... (पूर्वपक्ष. अजी ! हम ऐसा कार्य किस वास्ते करें ? महासती के तो पूर्वभव का सम्बन्ध था। [उत्तर ] प्रिय मित्र ! यही आपके प्रश्न का उत्तर है । जैसे चेलणा महासती ने पूर्व सम्बन्ध से अनुचित आहार किया, वैसे ही द्रोपदी महासतो ने पांच पति वरिया। प्रश्न 2 ] उत्तर - पाठकों ! ऐसे अनार्य वचन लिखते इन को कलम के सीचली होगा । खैर ! उत्तर सुनो, जैन सिद्धान्त में मदिरा मांस का प्राहार न तो द्रोपदी जी ने किया है न उन के सम्बन्धी कृष्ण वासुदेव, पांडव आदि ने किया है, न कोई जैनी करते हैं। ... आगे 6 प्रकार के प्राहार का पाठ लिख के कहा है “उस वक्त द्रोपदी को समकित नहीं थो" इत्यादि । | उत्तर ] 6 प्रकार के आहार का कारण यह है कि उस वक्त कोई समकिती कोई मिथ्याती राजा आये थे। उन्हीं कीPage Navigation
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