Book Title: Dhyan Shatak
Author(s): 
Publisher: Divyadarshan Karyalay

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Page 11
________________ शुद्धिपत्रक S - - शुद्ध अशुद्ध का बाद मौखिक rrar - ........ को बाद मौखिक ही थे गाथा....१ ज्झाण निगुण निःस्वभावरूप में ज्झाणा खाली या मात्र कोरा को अर्थात् कायिक प्रवृत्ति सन जावे भरा हुमा धान ..मेघ....झाण जिस काया से होता है वह वासित हो जावे भावित हुआ ध्यान मेग....झाणं - * :-"-murram - मुहु....तंझाण झाणणं उनका या -मुहत्त....झाणं झाणेण उनकी यानी सरणं निदानं च था! या २१ परणं निदानचा था या। अंत्य पंक्ति निकाल देना स्मभण २५ । ८ स्मरण -

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