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विवाह कर दें। माता-पिता ने कहा-तुम्हें अपनी पुत्री कौन देगा? फिर भी प्रयत्न करके बहुत सारा धन-पैसा देकर किसी निर्धन की पुत्री के साथ विवाह कर दिया (6) ।
दधिमुख ने माता-पिता से कहा- मैं तो अशरीरि होने के कारण कुछ कर नहीं सकता अतः उसका भरण-पोषण आपको ही करना होगा । माता-पिता ने कहा-जो हमारे पास अर्थ संचित था वह तुम्हारे विवाह में समाप्त हो गया। अतः अब तुम अपनी पत्नी का भरण-पोषण स्वयं करो। दधिमुख ने अपनी पत्नी से कहा- माता-पिता ने अपने को घर से निकाल दिया है। अब बाहर रहकर जीवन व्यतीत किया जाये । असम्मान पूर्वक जीना भी कोई जीना है। यह सब सोचकर पत्नी ने दधिमुख का मस्तक छीके में रखकर सभी को दिखाते हुए नगर-ग्राम में घूमने-फिरने लगी और भोजन-वस्त्र मांगती हुई उज्जयिनी नगरी में पहुंची। वहां अपने पति सहित उस छींके को कैरों की झाड़ी पर अथवा जुआड़ी घर की खंटी पर (टिंटामंदिरु) रखकर वह नगर में भिक्षा के लिए चली गई। इसी बीच बहां दो जुआरियों में युद्ध हो गया। दोनों ने एक दूसरे के शिर काट दिये (2)। दोनों जुआरियों के वे सिर नीचे गिर गये । उनकी तलवारों के लगने से दधिमख का छींका भी नीचे कटकर गिर गया। वह गिरते ही एक घड़े पर निःसंधि रूप लग गया। शिर के जुड़ जाने से वह काम करने में भी समर्थ हो गया। मनोवेग ने कहा कि क्या वाल्मीकि का यह वर्णन सही है ? ब्राह्मणों ने कहायह बिलकुल सही है। तब मनोवेग ने कहा-यदि दधि मुख का शिर जुड़ सकता है तो मेरे शिर के जुड़ने में आपको सन्देह क्यों हो रहा है ? रावण ने तलवार से अंगद के दो टुकड़े कर दिये फिर हनुमान ने उन्हें कं से जोड़ दिया एक दानपति ने पूत्र-प्राप्ति के निमित्त देवी की उपासना की। देवी ने प्रमन्न होकर एक गोली दी और कहा कि यदि इस गोली को तुम अपनी पत्नी को खिला दोगे तो उसे पुत्ररत्न की प्राप्ति होगी (8)। ___ दानवेन्द्र की दो पत्नियां थीं। उसने दोनों को आधी-आधी गोली दे दी। फलतः दोनों गर्भवती हो गई । पूर्णमास होने पर उन्हें अर्धाग-अर्धाग पूत्र हए । तब उन दोनों ने उन्हें निरर्थक समझ कर फेंक दिया। जरा (बुड्ढी) नाम की देवी ने उन दोनों खण्डों को मिलाया तो दोनों खण्डों से एक पुत्र हो गया। वह बडा प्रसिद्ध योद्धा बना । उसी को जरासन्ध राजा के नाम से लोग जानने लगे (9-10)। पौराणिक कथाओं की समीक्षा
हे ब्राह्मणों, जब घाव रहित शरीर के दो भाग जुड़कर एक हो गये तो मेरा मस्तक उसी समय का कटा होने पर भी क्यों नहीं जुड़ सकेगा? पार्वती का पुत्र कार्तिकेय (षडानन) छः भागों से जोड़कर बनाया गया है तब मेरे कट
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