Book Title: Dhammaparikkha
Author(s): Bhagchandra Jain Bhaskar
Publisher: Sanmati Research Institute of Indology Nagpur

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Page 303
________________ दुत्तरो १.१४ दुपल्लु ६.११ दुट्ठमूढउ २.९ दुहियलक्खणभरिय ७.११ दुंदुहिसरु ५.१९ दूरंतरियउ ९.११ देवत्तणु ४.१२ देवसंघाउ ४.१८ देवहम्मे वणे १.१७ दो पियाउ ३.१४ दोहिमि ८.२० दंडदोस २.८ दमणमत्तेण ४.२० धक्कडकुल ११.२६ घणलुद्धए ११.११ धणं ३.८ धणवइ ११.३ धम्मपरिक्ख १.१, ११.२६ धम्मपहाउ ११.१० धम्ममोक्खत्थकाम ३.३ धम्मराइ ३.८ धम्म ९.१९.२० धम्मुफल ९.१९.२३ धम्मेण १.१५ धय ३.४ धयरट्ठहो ७.९ धयरठ्ठ ८.१ धरणिदहो ८.१२ धीवरकुमारि ७.१४ धीयजयलु १०.२ धुमुधुगइ ७.१५ धमद्धउ ४.२० पइट्ठ ४.१० पक्ख १०.२ पगलिउ ५.१ पवोसइ २.२४ पच्चक्ख ४.९ पच्चंतह ९.२४ पच्चरखाणु १०.१० पच्चुत्तरु ३.४ पच्छत्ताव/पच्छुत्ताव ४.४, ३.१० पच्छण्ण सरीरु ४.२० पज्झरिउ ७.१६ पज्जलिउ ४.१२ पट्ठाणियाइ ११.१३ पडहसर ३.११ पंच णमोकाराइ ११.१५ पंचमसरु ४.१२ पंचम संधि ५.१, ५.२० पंचवीस ६.१ पंचसयाई ५.७ पंचदहा ६.१ पंचाणणहो ९.५ पंचाणुत्तर ६.६ पंचास १.३, २.१८ पंचविहु भंतु ५.६ पंचढहा ६.२ पंचासह १.४, २.७ पंचाणुव्वय १.७ पंडव ८.४ पंडु ८.१ पंडियविज्जवियाणय ७.२० पच्छिऊण ४.२ पडिच्छउ ३.४ पहिवासुएव ४.१ पडिवमुणु ४.४ पडिमा ८.१२ पडिजंपइ ९.५ पडिवण्णु ७.१५ पडिवत्त उ ७.४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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