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Jain Education international
संपादक डॉ. भागचन्द्र जैन 'भास्कर'
जन्म १ जनवरी, १९३९, बम्हौरी (छतरपुर), म.प्र.
शिक्षा : एम.ए. (संस्कृत, पालि तथा प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृतिपुरातत्त्व), माहित्याचार्य, शास्त्राचार्य (प्राकृत-जैनदर्शन), साहित्यरत्न, पी-एच.डी. (श्रीलंका), डी.लिट्. (पालि-प्राकृत), डी.लिट्. (संस्कृत). नियुक्ति : नागपुर विश्वविद्यालय (अध्यक्ष, पालि-प्राकृत विभाग) में १९६५ से कार्यरत १९८३-८५ तक राजस्थान वि. वि. में प्रोफेसर एवं निदेशक जैव विद्या अध्ययन; रीडर, बौध्द अध्ययन विभाग, दिल्ली वि. वि. (१९७८); मानद निदेशक, सन्मति विद्यापीठ एवं पालिशोध संस्थान |
प्रकाशित पुस्तकें : Jernism in Buddhist Literature. बौध्द संस्कृति का इतिहास, चतुःशतकम्, पातिमोक्ख, बौध्द मनोविज्ञान, जैन दर्शन और संस्कृति का इतिहास, भारतीय संस्कृति बौध्द धर्माचे योगदान, चंदप्पहचरिउ, यशोधरचरितम् Jainism, महावीर और उनका चिन्तन आदि लगभग पच्चीस पुस्तकें
तथा
सम्मान : केन्द्रीय भारत सरकार, शास्त्रि परिषद, UGC नेशनल फेलोशिए, रिसर्च फेलोशिप, कामनवेल्थ फेलोशिप
(श्रीलका)
अस्पादन : रत्नत्रय, जैन मिलन सु
आनन्ददीप.
विदेश अनेक बार अमेरिका एवं यूरोपीय देशोंका भ्रमण व विश् -संमेलनों तथा विश्वविद्यालयों में जैरबौद्धधर्म पर भाषण, संगोष्ठी चेयरमेन. महसंपादक
प्रो. माधव रणदिवे, भूतपूर्व पालिप्राकृत विभाग प्रमुख, ● शिवाजी आर्टस कॉलेज, सातारा (महाराष्ट्र).
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