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जइ जाणह सिट्ठिहि पलउ विण्ड किं ण मुणिउ णियसियहरण विण्हु । णियजम्म कहिय णार यहो जेण किं पुच्छिउ अहि णियवत्त तेण । तथा चोक्तं
भो भो भुजंगतरुपल्लवलोल जिव्हे बंधकपुष्पदलसग्निभलोहिताक्षे। 5 पृच्छामि ते पवनभोजनकोमलांगी काचित्वया शरदचंद्रमुखीव दृष्टा ॥१॥ गता गता चंपकपुष्पवर्णी पीनस्तनी कुंकुमचचितांगी।
आकाशगंगा हिमशीतलांगी नक्षत्रमध्ये शशिचंद्ररेखा ।।२।। जो मोहइ भुवणत्तउ खणेण सो किम समरि सह लक्खणेण । महिरावणेहि पासेहि वद्ध
मोहें कि महि रावणु ण छुध्दु। 10 इय गुरुअच्छरिय परंपराए
हो हो पूरइ विभयकराए। कि वहुणा णिसणहो जयपयासु
भुक्खा तण्हा भ उ राउ दोसु । मोहो चिता वर वाहि मरणु सेउ खेउ मउ अरइ करणु । विण्भउ जम्मण णिहा विसाउ
इय दोससहिउ णउ होइ देउ । घत्ता- एए अट्ठारह दोस जए सव्वाण वि दुहकारण ।
सुहु जीवहो कउ कय जाव णवि एयहो दूरो सारण ।।१७।।
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। (18)
हवि हरि छुहणिवादोसाउरु रायरयहि पीडिय चउमुहहरु । जमु विहुयचिताए णिरुद्धओ रवि अफंसु कोढेण पसिद्धओ। (16) 1. b भणई, a पुराणे, 2.a पुराणे, a रूढिगउ, b भणई, a जइ,
3.a कुंडियहो, a.b किण्ण, a मइ, a कुंडियहो, b उंडियहे, 5.a कह, a वम्ह, a भिगारियहे, 6,a विप्पुगणु, b विप्पगणु, 7.a विसिउ, 8.b एसि in margin चडेमि, a मइ in both places, b वियाणहुं, a भणिउं b भणि, ll.b तह जो वि हि, b मिल्लवइ, 12.a सइ, a गुप्पइ
विन्हणाहि०, a साहहो, b हासओ। (17) 1.b repeats जइं णाणु, a सवित्त, 2.b जई करइं, b विसिट्ठि,
b सेवई णिकिट्ठा, 3.b जई. b ट्ठिहि, 4.bणायरहो, 5.b भुजगतरुयव्वव, a जिव्हा, b वधूकं, a ० सन्निहलोहि ताक्ष, 6.a भो for ते, b पवणभोजणकोमलागी, a ० सरद०, 7.a पुष्फुवर्णी, a चचितांगो, 8.b omits the verse गता गता etc to ०चंद्ररेखा, 9.b मोहई, b सहु for सह, 10.b छद्ध, ll.a यच्छरिय, b परंपराइं, a विभय० b ०कराई, 13.b चिता, b वहि, b adds तह before सेउ, a सेउ खेऊ, b खेउं मउं, a अरई, 14.b विभ उ, b ०सहिउं, a दोउ, b देउं, 15.b अट्ठारहं, 16.b जीवह कउं, b जाम, a णेवि, b एयहद्धरो।
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