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कम्में सुरणरतिरियविणारय इय जाणेवि किंपि तं किज्जइ
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जीव हवंति सिद्ध झाणें रय । जें जरमरणवेल्लि छिण्णिज्जइ ।
घत्ता - अजरामर देसु पविज्जइ जिणभासियउ । सिरिसिद्धणिवासु हरिसेणें भवियहँ भासियउ ।।१९।।
इ धम्मपरिक्खाए चउवग्गाहिट्ठियाए चित्ताए । वहहरिसेणकयाए छट्टो संधी परिसमत्तो ॥ छ ||६|| छ ।।१८२।१
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(19) 1.a omits गिरि, 2. b सयग्णु, a सक्खिज्जइ, 3.6 किण्ण, 4.b दियवरह, b घडिय, a अण्णाणइ, 5. a व्हरह, a ज्जइ, b चउम्मृहुं, 6. b एक वयणु दुवयणु, 7.b कम्म, a णाणें सिद्ध सुज्झाण पुण्णरय for जीव हवंति ... etc. . . रय, 8.a जं, a लहु क्खिज्जइ for छिणिज्जइ, 9.2 जिणभासिउ, 10.a सिद्धि ०, a हरिसेण भवियह पसंसिउ, 12 परिसंमत्तो
॥ संधि ।। ६ ।। १८२ ।।
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