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प्रकाश, जीवन साधना की कोई न कोई क्रिया अनवरत गतिशील बनी ही रहती है । चिन्तन-मनन, ध्यान-स्वाध्याय, लेखन-अध्यापन, जप-तप के रूप में आपका समय सार्थक बना रहता है ।
आगमवाणी में "समयं गोयमं मा पमायए" के रूप में जैसा प्रमाद रहित जीवन बिताने का उल्लेख है, आप दृढ़ संकल्प के साथ उसका अनुसरण करती हैं।
इनके जीवन में बहुत विशेषतायें हैं । समय का मूल्यांकन यानी समय का काम समय पर ही करना, पूर्ण दृढ़ता और तत्परता से इसका अनुपालन करती हैं और कराती हैं। इनके जीवन का हर कार्य समय पर ही होता है यानी घड़ी की तरह कार्य सहज सम्पादित होते रहते हैं । कैसी भी विकट परिस्थिति क्यों न हो, चर्या दोष रहित होती है । ___इनका आत्मबल, मनोबल, अत्यन्त उच्च व दृढ़ीभूत है । गम्भीर से गम्भीर परिस्थिति होने पर भी आप विचलित नहीं होती, मुख मुद्रा पर चिन्ता की स्वल्प रेखा तक दृष्टिगोचर नहीं होती। इनका ब्रह्म तेज से चमकता मुख मण्डल, निर्विकार सुलोचन, शान्त-प्रशान्त, प्रखर प्रतिभा सम्पन्न आप जैसी महायोगी को देखकर जन-जन के मानस में अपूर्व आन्तरिक सुखद अनुभूति का संचार हो जाता है।
आपके पवित्र सान्निध्य में विकथा और प्रमाद भरे आचरण का कतई स्थान नहीं है । इनका अन्तःकरण निर्मल एवं विचार परमोच्च हैं । आप संयम साधना की आराधना में पूर्ण सजग एवं सावधान हैं। ___इनका जीवन बड़ा ही सधा हुआ, त्याग-वैराग्यमय एवं अप्रमत्त है । आप निरन्तर आत्म साधना में संलग्न रहती हैं। लम्बे समय तक आराम नहीं करतीं । रात में ब्रह्ममूहूर्त में शय्या त्याग कर ध्यान, चिन्तन, मनन, स्वाध्याय में तल्लीन रहती है।
__ इनको आगमों का गहन एवं विशाल अध्ययन है। इनकी उल्लेखनीय विशेषता-प्रवचन-शैली, शास्त्रीय ज्ञान, एक-एक शब्द तोलकर बोलने का अभ्यास तथा स्मरणशक्ति तो बहुत गजब की है।
ऐसी विराम रहित, सरस्वती साधिका, तपस्विनी, परम वन्दनीय, अतृप्त दर्शनीय, पूज्य सुपार्श्वमति माताजी के चरणों में वन्दना करती हुई इनके प्रशस्त संयमी जीवन से निरन्तर प्रेरणा ग्रहण करने की इच्छा रखती हुई इनके दीर्घ जीवन की कामना करती हूँ।
-प्रमिला जैन