Book Title: Agam 30 Mool 03 Uttaradhyayana Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 12
________________ ४० मरण समयकी समाधिका वर्णन १८५-१८६ ४१ सकाम मरणका वर्णन १८७-१८९ छठा अध्ययन ४२ विद्याराहित्यके विषयमें दरिद्रका दृष्टान्त १९०-१९६ ४३ निग्रन्थके कर्तव्यका वर्णन १९७-१९८ ४४ मातापित्रादिके रक्षणमें असमर्थताका कथन १९९-२०० ४५ परिग्रहत्यागके फलका वर्णन २०१-२०२ ४६ माणातिपात और आस्रव निरोधका वर्णन २०३-२०४ ४७ मृषावादादि आस्रव निरोधका वर्णन २०५-२०९ ४८ पंचास्रवविरमणका स्वरूप और संयममें दूसरोंके मतका निरूपण २०९-२११ ४९ वागाडम्बर मात्रही प्राणियोंके रक्षणमें समर्थ न बननेका कथन २१२-२१५ ५० मोक्षमार्गसे विमुख चलनेवालोंके दोषोंका वर्णन २१५-११६ ५१ आत्माके मुखके उपायका वर्णन २१७-२१८ ५२ शरीर धारण करनेके कारणका कथन २१९-२२० ५३ मुनियोके शरीरनिर्वाहके उपायका कथन २२१-२२४ ५४ मुनियोंके निर्दोष भिक्षाग्रहणका वर्णन २२५-२२७ सांतवां अध्ययन ५५ रसगृदिके विषयमें एडकका दृष्टान्त २२८-२३७ ५६ बाल-अज्ञानीको नरक प्राप्तिका वर्णन २३८-२४० ५७ रसगृद्धोंके ऐहिक कष्टका वर्णन २४१-२४२ ५८ रसगृद्धौके पारलौकिक अपायका वर्णन २४३-२४४ ५९ लोभ विषयमें काकिणीका और रसविषयमें आम्रफलका दृष्टान्त २४५-२५० ६० दृष्टान्तको कहकर दाष्टान्तिक (सिद्धांत) का प्रतिपादन २५१-२५५ ६१ व्यवहार विषयमें तीन वणिकोका दृष्टान्त २५६-२६१ ६२ तीन वणिकोंके दृष्टांतके विषयमें दान्तिकका प्रतिपादन २६२-२६४ ६३ बाल-अज्ञानी जीवकी आपद्वधमूलक दो प्रकारकी गतिका वर्णन २६४-२६७ ઉત્તરાધ્યયન સૂત્ર : ૨

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