Book Title: Agam 30 Mood 03 Uttaradhyayana Sutra Part 02 Sthanakvasi Gujarati
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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अनु. विषय
६४ द्विधागतिप्राप्त जाल-अज्ञानीडे उद्धारी हु
वर्शन
६५ जालत्व परिवर्तन से मनुष्यगति के साला वन ६६ मनुष्य योनि जैन पाता है ? उसका स्थन ६७ हेवगतिप्राप्ति डा वन
६८ हेवगतिप्राप्ति प्रा उपदेश
६८ हेवसुज और मनुष्यसुजोंडी समुद्र द्रष्टांत द्वारा तुलना ७० मनुष्य सम्जन्धी प्राभलोगों से निवृत होनेवाले डे
गुएा डावान
७१ प्राम निवृत भुवडी हेवलोडसे यवनेडे पीछेडी गति वर्षानि ७२ धीरताडा स्व३प और उसमा इला वन
अष्टम अध्ययन
७3 अपिल मुनि यरित्र वान
७४ प्रति यरित वर्षानिमें संसारडी असारताा वर्षान ७५ घोष प्रोषों से मुफ्त उपाया वन
७६ परिग्रहमें गृद्ध जने हुवेडे घोषोंडा और डेवलीडे परिग्रह त्यागीडे गुगोंडा वन
७७ प्राभलोगाहि अधीर पुरुषों के लिये हुस्त्य और सुव्रतधारियों के लिये सुत्य होनेडा थन
७८ जास-अज्ञानीडे नरगमनडा वन
७८ प्राविधसे निवृत जननेवालों से मोक्षप्राप्तिा वार्शन ८० प्राशियों में हंनिषेध वन
पाना नं.
શ્રી ઉત્તરાધ્યયન સૂત્ર : ૨
८१ जेषाशासमिति वर्शन में रसों में जगृद्ध रहनेवाले र्तव्या प्रथन और अश्रमगडे लक्षगोंडा वर्शन जेवं उनडी गति वन
८२ सोलडे वशवर्त्ती डे आत्मा डा हूष्पूरत्व
८३ असंतोषडे विषय में स्वानुभवा वान ८४ जियों में गृद्धिलावनिषेधा और उनके त्यागडा वर्शन
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